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कथा व्यास पंडित देवकरण पंड्या (हरनावदा, उज्जैन) ने इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनाई, जिसमें जैसे ही नंद के आनंद भयो और जय कन्हैयालाल की जैसे भजन गूंजे, पूरा पंडाल भक्ति में झूम उठा। श्रद्धालु नृत्य करते हुए भगवान के अवतरण का स्वागत कर रहे थे। वातावरण में भक्ति और उल्लास दोनों ही चरम पर थे।
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पंडित देवकरण पंड्या जी ने श्रीकृष्ण जन्म के साथ-साथ यह संदेश दिया कि भगवान ने हमेशा धरती पर धर्म की पुनःस्थापना के लिए अवतार लिया है। श्रीकृष्ण ने अपने जीवन से हमें यह सिखाया कि माता-पिता के चरणों में सच्चा परमात्मा बसता है। उन्होंने कहा कि माखन चोरी करना भी प्रतीक है सार तत्व को ग्रहण करना और असार को छोड़ देना। उन्होंने श्रोताओं को संसार की क्षणभंगुरता से उबरकर आत्मिक सार की ओर उन्मुख होने का संदेश दिया।
यह सात दिवसीय भागवत कथा 19 से 25 मई 2025 तक प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक आयोजित की जा रही है।