अहमदाबाद विमान हादसा: 241 की मौत, सवा लाख लीटर ईंधन से भड़की आग में किसी को बचाने का मौका नहीं मिला; PM मोदी बोले, "शब्दों में बयां नहीं कर सकते"
अहमदाबाद में गुरुवार को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से 241 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक बन गया है। विमान में कुल 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। इस हादसे में केवल एक व्यक्ति जीवित बचा, जो अब अस्पताल में उपचाराधीन है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गहरी संवेदना
विमान दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे "हृदयविदारक" करार दिया। उन्होंने कहा कि इस दुख को "शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।" हादसे की सूचना मिलते ही प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह को तुरंत अहमदाबाद रवाना किया और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री लगातार राहत-बचाव कार्य और घायलों को दी जा रही मदद की निगरानी करते रहे।

गृहमंत्री अमित शाह ने घटनास्थल और अस्पताल का किया दौरा 
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अहमदाबाद पहुंचकर सबसे पहले घटनास्थल का दौरा किया और राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद वे अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों और हादसे में जीवित बचे इकलौते यात्री से मुलाकात की। बाद में उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर पूरी स्थिति की जानकारी ली।

"पूरा देश पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है" – अमित शाह
मीडिया को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा:
“इस भीषण हादसे से पूरा देश स्तब्ध है। भारत सरकार, गुजरात सरकार और प्रधानमंत्री की ओर से मैं सभी मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।"
उन्होंने जानकारी दी कि हादसे के 10 मिनट के भीतर केंद्र सरकार को इसकी सूचना मिल गई थी और तत्पश्चात राहत कार्यों को तेज कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने भी स्वयं फोन कर स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने को कहा।

पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी हुआ निधन
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल ने इस हादसे को "गुजरात की धरती पर एक बेहद दुखद घटना" बताया। उन्होंने पुष्टि की कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इस हादसे का शिकार हो गए।
"हम कुछ नहीं कर पाए। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। गुजरात इस हादसे को कभी नहीं भूल पाएगा," पाटिल ने कहा।

एकमात्र जीवित बचे यात्री की पहचान
इस हादसे में ब्रिटेन निवासी विश्वास कुमार रमेश नामक यात्री चमत्कारिक रूप से बच निकले। वे फ्लाइट की 11A सीट पर सवार थे और भारत में अपने परिवार से मिलने आए थे। उनके भाई भी विमान में सवार थे, जिनकी स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।

डीएनए टेस्ट से होगी शवों की पहचान
अमित शाह ने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए डीएनए जांच की जा रही है। उन्होंने कहा:
“जिन यात्रियों के परिजन भारत में हैं, उनके डीएनए नमूने 2-3 घंटे में पूरे कर लिए जाएंगे। जिनके परिजन विदेश में हैं, उन्हें सूचना दे दी गई है।”
गुजरात में करीब 1000 डीएनए टेस्ट किए जा रहे हैं ताकि सभी मृतकों की पहचान सुनिश्चित की जा सके।

भयानक आग के पीछे 1.25 लाख लीटर ईंधन
गृह मंत्री ने बताया कि विमान में लगभग 1.25 लाख लीटर ईंधन भरा हुआ था। टक्कर के बाद लगी आग इतनी भीषण थी कि यात्रियों को बचने का अवसर तक नहीं मिला। अधिकांश शवों को बाहर निकाल लिया गया है और राहत कार्य अब समापन की ओर है।
गुजरात सरकार ने हादसे के तुरंत बाद आपदा प्रबंधन बल, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और स्थानीय एजेंसियों को अलर्ट कर त्वरित कार्रवाई शुरू की।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शुरू की जांच
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दुर्घटना की औपचारिक जांच शुरू कर दी है। तकनीकी और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर जांच की जा रही है ताकि दुर्घटना के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।

राष्ट्रीय शोक और मुआवज़े की घोषणा की संभावना
सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार इस हादसे को देखते हुए राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर सकती है। साथ ही, मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देने और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।

यह त्रासदी न केवल अहमदाबाद या गुजरात, बल्कि पूरे देश के लिए एक भावनात्मक झटका है। भारत एकजुट होकर इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है।