इंदौर के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 152 मरीज


इंदौर। शहर में एमवायएच और निजी अस्पतालों में 152 ब्लैक संक्रमण के मरीज भर्ती है। इनमें से 44 निजी अस्तपतालों में तो 108 मरीज एमवायएच में भर्ती है। एमवायएच में ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। इंदौर में अब तक ब्लैक फंगस संक्रमण वाले 108 मरीज एमवायएच में भर्ती हो चुके हैं। इसमें इंदौर में अलावा आसपास के शहर जैसे मंदसौर, खंडवा, खरगोन व सेंधवा के मरीज भी भर्ती हुए हैं।
मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण एमवायएच में करीब पांच वार्ड में इन मरीजों को भर्ती किया गया है। एमवायएच में अब तक ब्लैक फंगस से 6 मरीजों की मौत हो चुकी और करीब तीन की आंख निकालना पड़ी है। इंदौर में अब तक ब्लैक फंगस से लगभग एक दर्जन से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अफसर मौत के आंकड़ों को छुपा रहे हैं। सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या के मुताबिक इंदौर में ब्लैक फंगस के भर्ती मरीज और इससे मरने वाले मरीजों का डाटा हम कलेक्टर व कमिश्नर को दे रहे हैं। ये डाटा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नहीं किए जा रहे हैं।
अब भी मरीजों को पर्चे लेकर इंजेक्शन के लिए भटकना पड़ रहा
शहर में अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए परिजनों को अब भी एंटी फंगल इंजेक्शन एम्फोटेरिसन बी के लिए दवा दुकानों में भटकना पड़ रहा है। ये इंजेक्शन बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहे है। ऐसे में मरीज दवा बजाार से लेकर कई अस्पतालों के चक्कर लगा रहे है। जिला प्रशासन द्वारा अभी तक अस्पतालों में भर्ती मरीजों तक एंटी फंगल इंजेक्शन पहुंचाने का कोई इंतजाम नहीं किया है।
इस वजह से मरीजों के परिजन पर्चे लेकर इंजेक्शन के लिए परेशान हो रहे है। खरगोन के रहने वाले शाहिद खान के मुताबिक उनके पिता युसूफ खान को ब्लैक फंगस का संक्रमण है और वे पिछले आठ दिन से अरबिंदो अस्पताल में भर्ती है। उन्हें अभी तक एंटी फंगल इंजेक्शन नहीं मिला। इंजेक्शन के लिए इंदौर के पूरे बाजार में घूम लिए और दिल्ली, जयपुर, सूरत व अहमदाबाद में रिश्तेदारों से भी बात लेकिन इंजेक्शन नहीं मिल पाया।कमेटी के माध्यम से निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए दिए 300 इंजेक्शन