किराना, फल-सब्जी और दैनिक आवश्यकताओं की दुकानें सप्ताह में पांच दिन खोली जाएं
इंदौर। कोरोना कर्फ्यू के दौरान आम जनता को हो रही परेशानियों को लेकर हाई कोर्ट में चल रही स्वत: संज्ञान याचिका में मंगलवार को आदेश जारी हो गया। कोर्ट ने माना कि शहर में किराना, फल-सब्जी और दैनिक आवश्यकताओं की दुकानें बंद होने से छोटे दुकानदार और शहरवासी परेशान हैं। कोर्ट ने इंदौर कलेक्टर से कहा है कि वे इस संबंध में संशोधित आदेश जारी करें और इस बात का ध्यान रखें कि फल-सब्जी, किराना और रोजमर्रा की जरूरतों की दुकानें सप्ताह में पांच दिन तय समय पर खुलें ताकि न शहरवासियों को न छोटे दुकानदारों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।

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गौरतलब है कि कोरोनाकाल में आम लोगों को हो रही परेशानी, निजी अस्पतालों द्वारा वसूली जा रही मनमानी रकम, इंजेक्शन और वैक्सीन की किल्लत, पुलिस और प्रशासन की मनमानी जैसे कई मुद्दों को लेकर हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर हैं। सोमवार को इन सभी में विस्तृत बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था जो मंगलवार को जारी हुआ।
इन्हें याचिकाओं में से एक में इंदौर की एक संस्था शांति मंच की तरफ से अंतरिम आवेदन प्रस्तुत कर कहा गया था कि इंदौर कलेक्टर द्वारा 20 मई को जारी आदेश की वजह से लाखों लोग परेशान हो रहे हैं। इस आदेश द्वारा इंदौर में 21 मई से पूरी तरह से लाकडाउन लगा दिया गया है। इसके चलते आम आदमी परेशान है। छोटे दुकानदारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

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लाखों की सब्जियां और फल बेकार हो रहे हैं। किराना और दैनिक जरूरत की वस्तुओं की दुकानें बंद होने से आम आदमी परेशान है। कोर्ट ने मंगलवार को जारी 22 पेज के आदेश के पेज 7 और 8 में इस अंतरिम आवेदन का निराकरण करते हुए कलेक्टर से कहा है कि वे 20 मई को जारी आदेश का संशोधित आदेश जारी करें। कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर इस बात का ध्यान रखें कि फल-सब्जी, किराना और दैनिक जरूरत के सामान की दुकानें सप्ताह में पांच दिन तय समय पर खुले ताकि आम आदमी को परेशान न होना पड़े।

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