टीका उत्पादन के लिए नेहरू को श्रेय देकर प्रियंका का PM मोदी पर निशाना


नई दिल्ली कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कोरोना टीकाकरण को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने एक तरफ देश में टीकों के उत्पादन क्षमता के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को श्रेय दिया तो मोदी सरकार से कई सवाल पूछे हैं। प्रियंका गांधी ने पूछा है कि सरकार ने जनवरी 2021 में मात्र 1 करोड़ 60 लाख वैक्सीनों का आर्डर क्यों दिया गया? साथ ही यह सवाल भी उठाया कि सरकार ने भारत के लोगों को कम वैक्सीन लगाकर, ज्यादा वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?
''वैक्सीन संकट जिम्मेदार कौन?'' शीर्षक से पोस्ट लिखते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ''पिछले साल 15 अगस्त को मोदीजी ने लाल किले से भाषण में कहा उनकी सरकार ने वैक्सीनेशन का पूरा प्लान तैयार कर लिया है। भारत के वैक्सीन उत्पादन और वैक्सीन कार्यक्रमों की विशालता के इतिहास को देखते हुए ये विश्वास करना आसान था कि मोदी सरकार इस काम को तो बेहतर ढंग से करेगी।'' 
देश में वैक्सीन उत्पादन की नींव रखने का श्रेय नेहरू को देते हुए प्रियंका ने लिखा, ''आखिर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में चेन्नई में वैक्सीन यूनिट और 1952 में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे को स्थापित कर भारत के वैक्सीन कार्यक्रम को एक उड़ान दी थी। हमने सफलतापूर्वक चेचक, पोलियो आदि बीमारियों को शिकस्त दी। आगे चलकर भारत दुनिया में वैक्सीन का निर्यात करने लगा और आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है। इन उपलब्धियों को जानकर देश निश्चिंत था कि भारतवासियों को वैक्सीन की समस्या नहीं आएगी।''

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कांग्रेस महासचिव ने कहा, ''कड़वी सच्चाई यह है कि महामारी की शुरूआत से ही, भारत में वैक्सीन आम लोगों की जिंदगी बचाने के औज़ार के बजाय प्रधानमंत्री के निजी प्रचार का साधन बन गई। इसके चलते आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत अन्य देशों से वैक्सीन के दान पर निर्भर हो गया है और वैक्सिनेशन के मामले में दुनिया के कमजोर देशों की कतार में शामिल हो गया है। ऐसा क्यों हुआ? जिम्मेदार कौन?''
उन्होंने लिखा है कि आज भारत की 130 करोड़ की आबादी के मात्र 11% हिस्से को वैक्सीन की पहली डोज़ और मात्र 3% हिस्से को फुल वैक्सीनेशन नसीब हुआ है। जिम्मेदार कौन? मोदीजी के टीका उत्सव की घोषणा के बाद पिछले एक महीने में वैक्सीनेशन में 83% की गिरावट आ गई। जिम्मेदार कौन? आज मोदी सरकार ने देश को वैक्सीन की कमी के दलदल में धकेल दिया है। वैक्सीन पर अब बस मोदीजी की फोटो ही है बाकी सारी जिम्मेदारी राज्यों के ऊपर डाल दी गई है। आज राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार को वैक्सीन की कमी होने की सूचना भेज रहे हैं। 
प्रियंका ने कहा कि विश्व के बड़े-बड़े देशों ने पिछले साल ही उनकी जनसंख्या से कई गुना वैक्सीन ऑर्डर कर लिए थे। मगर मोदी सरकार ने पहला ऑर्डर जनवरी 2021 में दिया वह भी मात्र 1 करोड़ 60 लाख वैक्सीन का जबकि हमारी आबादी 130 करोड़ है। इस साल जनवरी-मार्च के बीच में मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेश भेज दी। कई देशों को मुफ़्त में भेंट भी की। जबकि इस दौरान भारत में मात्र 3.5 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगी। सरकार ने 1 मई से 18-44 आयुवर्ग की लगभग 60 करोड़ जनसंख्या को वैक्सीन देने के दरवाजे खोले लेकिन मात्र 28 करोड़ वैक्सीन के ऑर्डर दिए जिससे केवल 14 करोड़ जनसंख्या को वैक्सीन लगाना संभव है। 
प्रियंका ने कहा कि अब, देश की जनता मोदी जी से कुछ प्रश्न पूछ रही है। मोदीजी के बयान के अनुसार उनकी सरकार पिछले साल ही वैक्सीनेशन के पूरे प्लान के साथ तैयार थी, तब जनवरी 2021 में मात्र 1 करोड़ 60 लाख वैक्सीनों का आर्डर क्यों दिया गया? मोदीजी की सरकार ने भारत के लोगों को कम वैक्सीन लगाकर, ज्यादा वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी? दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत, आज दूसरे देशों से वैक्सीन माँगने की स्थिति में क्यों आ गया और वहीं ये निर्लज्ज सरकर इसे भी उपलब्धि की तरह प्रस्तुत करने की कोशिश क्यों कर रही है?

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