इंदौर: चलने-फिरने में लाचार लोगों को घर जाकर लगाएंगे टीका, टीकाकरण में देश में है दूसरे नंबर पर है शहर


इंदौर। कोविड-19 की रोकथाम के तहत इंदौर जिला प्रशासन ने चलने-फिरने से लाचार लोगों को उनके घर जाकर कोविड-19 रोधी टीका लगाने का फैसला किया है। इससे टीकाकरण की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी तक शहर के 48 फीसदी से ज्यादा लोगों को टीके की पहली खुराक लग चुकी है, जबकि कोलकाता में 50 फीसदी को। इस तरह आबादी के टीकाकरण के मान से इंदौर देश में दूसरे नंबर पर है। 
इंदौर के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग ने सर्वेक्षण के बाद स्वास्थ्य महकमे को ऐसे 51 लोगों की सूची सौंपी है जो किसी दिव्यांगता, अधिक उम्र और गंभीर बीमारियों के कारण चलने-फिरने से लाचार हैं तथा इन कारणों से उनकी जिंदगी उनके घर के बिस्तर तक सीमित है।
सिविल सर्जन इन लाचार लोगों के स्वास्थ्य की वास्तविक स्थिति का पता लगाएंगे। इसके बाद पात्र लोगों को उनके घर जाकर कोविड-19 रोधी टीका लगाया जाएगा। जड़िया ने कहा कि आमतौर पर हर पात्र व्यक्ति को तय केंद्र में ही कोविड-19 रोधी टीका लगाया जा सकता है, लेकिन विशेष जरूरत वाले लोगों को महामारी से बचाने के लिए उनके घर जाकर टीके की खुराक देने का फैसला किया गया है।

राज्य में सबसे ज्यादा संक्रमित इंदौर में
गौरतलब है कि इंदौर, मध्यप्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक जिले में महामारी के कुल 1.52 लाख मरीज मिले हैं। इनमें से 1,371 लोगों की मौत हो चुकी है।

अब तक 13.53 लाख को लगे टीके
करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में में टीकों की पात्रता वाली यानी 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 28 लाख है। इनमें से 13.53 लाख से ज्यादा लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। इनमें शामिल 2.35 लाख से ज्यादा लोगों को इस टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं।


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