किसान आंदोलन : मानसून सत्र से पहले किसानों ने बनाई ये खास रणनीति

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को कहा कि लगभग 200 किसानों का एक समूह मानसून सत्र के दौरान केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हर दिन संसद के सामने विरोध प्रदर्शन करेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 40 से अधिक किसान संगठन पिछले कई महीनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। एसकेएम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सत्र शुरू होने से दो दिन पहले, सभी विपक्षी सांसदों को घर के अंदर कानूनों का विरोध करने के लिए "चेतावनी पत्र" दिया जाएगा।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, 'हम विपक्षी सांसदों से भी 17 जुलाई को सदन के अंदर हर दिन इस मुद्दे को उठाने के लिए कहेंगे, जबकि हम विरोध करने के लिए बाहर बैठेंगे। हम उनसे संसद से बाहर निकलकर केंद्र को लाभ नहीं पहुंचाने के लिए कहेंगे। जब तक सरकार इस मुद्दे का समाधान नहीं कर लेती, तब तक सत्र को चलने न दें।"
आपको बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। राजेवाल ने कहा, 'हम संसद के बाहर धरना जारी रखेंगे, जब तक कि वे हमारी मांगें नहीं सुनते।' राजेवाल ने कहा कि प्रत्येक किसान संगठन के पांच लोगों को इसमें शामिल होने के लिए ले जाया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी 8 जुलाई को पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के खिलाफ देशव्यापी विरोध का आह्वान किया।
मोर्चा ने लोगों से राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक बाहर निकलने और अपने वाहन वहां पार्क करने को कहा। "आपके पास जो भी वाहन है, ट्रैक्टर, ट्रॉली, कार, स्कूटर, बस, उसे निकटतम राज्य या राष्ट्रीय राजमार्ग पर लाएँ और वहाँ पार्क करें। लेकिन ट्रैफिक जाम न करें।" उन्होंने विरोध में एलपीजी सिलेंडर लाने को भी कहा।

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