इंदौर हादसे में अबतक 35 लोगों की मौत, 54 लोग हुए थे हादसे के शिकार, घटना की जांच के आदेश
इंदौर। देशभर में गुरुवार को भगवान राम का जन्मोत्सव यानी रामनवमी बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इसी बीच इंदौर के एक मंदिर में आयोजित हवन के दौरान पुराने कुएं की छत अचानक गिर गई। जिसमें 40 से अधिक लोग 40 फीट गहरी बावड़ी में गिर गए। चीख-पुकार सुनकर स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। वहीं, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, प्रारंभिक जांच में घटना के पीछे मंदिर प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। बताया जाता है कि एक साल पहले प्रशासन ने बावड़ी में मंदिर निर्माण का विरोध किया था। सरकार की आपत्ति के बाद भी मंदिर निर्माण कराया जा रहा था। बिना स्वीकृति के निर्माण हादसे का कारण बना है। चेतावनी के बाद भी मंदिर प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। वहीं, हादसे में जान गंवाने वालों में से 4 की आंखें दान की जाएंगी। यह जानकारी मृतक के परिजनों ने दी। जिसमें भारती कुकरेजा, इंदर कुमार व दो अन्य मृतक शामिल हैं।
60 साल पुराना मंदिर, बावड़ी का कभी नहीं हुआ खुलासा
स्थानीय निवासी दिनेश मखीजा ने बताया कि 60 साल पुराने इस मंदिर में हर त्योहार पर बड़े आयोजन होते थे। हाल ही में शिवरात्रि पर एक बड़ा कार्यक्रम हुआ जिसमें काफी संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं, इस मंदिर का निर्माण पूर्व पार्षद सेवाराम गलानी ने करवाया था। लोग बचपन से ही इस मंदिर में दर्शन के लिए आते रहे हैं, लेकिन उन्हें बावड़ी के होने का पता तब चला जब आज दुर्घटना हुई।
मृतकों को 5-5 लाख और घायलों को 50 हजार 
राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मदद राशि दी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम शिवराज को फोन कर घटना के बारे में जानकारी ली। उन्होंने शोक भी व्यक्त किया। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस घटना पर दुख जताया है।

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