कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए खिलाएं गुड़-घी-रोटी और रागी के लड्डू
नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से कमजोर होती दिखाई दे रही है। लेकिन लोगों में महामारी की तीसरी लहर को लेकर डर भी शुरू हो गया है। जब तक बच्चों का टीकाकरण शुरू नहीं होता, तब तक बच्चों की इम्यूनिटी को बनाए रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। इम्यूनिटी को बनाए रखने के लिए बाहर के खाने के अलावा जंक फूड, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक को पूरी तरह से बंद कर दें। इसकी जगह बच्चों को रोटी में घी लगाकर गुड़ के साथ खिलाएं या फिर सूजी का हलवा या रागी के लड्डू दें।
गुड़गांव स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. शिखा सिंह ने अमर उजाला को बताया कि कोरोना काल में एक वर्ष से लेकर 18 साल तक के युवा कैसे अपनी इम्यूनिटी को मजबूत रखें। उन्होंने बताया कि डाइट इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने का एक जरूरी फैक्टर है, लेकिन खराब रूटीन भी बच्चों की हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। सुबह जब बच्चे सोकर उठें तो उन्हें एक या आधा गिलास गुनगुना पानी दें। गर्म पानी में नींबू मिलाकर भी दिया जा सकता है। गर्म पानी के कुछ देर बाद रातभर भिगोए हुए चार से पांच बादाम और अखरोट दें।
सुबह नौ बजे नाश्ते के दौरान बच्चों को खीरा, टमाटर और गाजर के साथ मल्टी ग्रेन ब्रेड का सैंडविच बनाकर दें। इसके अलावा बेसन या सूजी का चीला, ओट्स का उपमा और पोहा बच्चों के पंसद के मुताबिक दिया जा सकता है। बच्चे दूध, अंडा और एक पूरा फल भी नाश्ते में ले सकते हैं। सुबह 11 से दोपहर 12 के बीच में कोई सीजनल या फिर कोई लोकल फ्रूट बच्चों को जरूर खिलाएं। अगर बच्चा पूरा फ्रूट खाना पसंद नहीं करता, तो उसे कम से कम एक टुकड़ा ही खिलाएं। तरबूज, खरबूज, संतरा, आम, पपीता, बेर जैसे फल उन्हें जरूर खिलाएं।
दोपहर के भोजन में हरी सब्जी आवश्यक तौर पर शामिल करें। दो रोटी, दाल और एक हर सब्जी उन्हें जरूर खिलाएं। अगर कुछ बच्चे दही नहीं खाना पसंद करते हैं तो उन्हें रायता बनाकर भी दिया जा सकता है। ध्यान रहे है कि दही ज्यादा ठंडा या खट्टा न हो। शाम चार से पांच बजे के दौरान बच्चों को नारियल पानी, एक मुठ्ठी भुना चना या मखाना दिया जा सकता है। अगर कोई नॉनवेज खाता है तो उन्हें एक या दो उबला अंडे दिया जा सकता है। वेजिटेबल सूप या मशरूम ब्रोकली का सूप, दाल का पानी और कॉर्न चाट इस दौरन ले सकते हैं।
रात को खाने में दो रोटी, एक कटोरी दाल दी जा सकती है। इसके अलावा दलिया, पनीर, अंडे या पनीर की भुर्जी, सोयाबीन सब्जी, पनीर पुलाव, ओट्स या खिचड़ी भी दे सकते हैं। इन सब के अलावा दिनभर में कभी बच्चे को मीठा खाना है तो सूजी की खीर या हलवा, बेसन का शीरा, रागी के लड्डू या रोटी में घी लगाकर गुड़ के साथ रोल बनाकर खिला सकते हैं। बच्चों को सप्ताह में दो बार हल्दी दूध या हल्दी दूध में दालचीनी पाउडर मिलाकर भी दिया जा सकता हैं। जहां तक हो खाने में बहुत कम तेल और मसाले का प्रयोग करें। और बच्चे पानी ज्यादा पिएं इस पर जोर दें।
डॉ. शिखा के अनुसार, एक हेल्दी डाइट के साथ बच्चों को भरपूर नींद भी लेनी चाहिए। जो उन्हें हेल्दी रखने और इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करती है। बच्चों के लिए देर रात तक जागना, सुबह देर तक सोना और हर समय इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चलाते रहना अच्छा नहीं है। कोरोना के समय में बच्चों को अनावश्यक रूप से सप्लीमेंट या दवा न दें। ये उनके लिए हानिकारक हो सकता है। कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह के बाद ही दें।
फिजिकल एक्टिविटी है बहुत जरूरी
कोरोना काल में घरों में कैद बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए उनका फिजिकली एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। कई रिसर्च के अनुसार छह साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को दिन में कम से कम एक घंटे की फिजिकल एक्टिविटी जरूरी करनी चाहिए। इसके अलावा बच्चों को सप्ताह में कम से कम तीन बार एरोबिक या कुछ नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए। जबकि सप्ताह के बाकी तीन दिनों में मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए। बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत बनाए रखने उन्हें योग भी सिखाएं

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