हर साल की तरह इस बार भी गेर निकली, लेकिन एक गेर के निरस्त होने के कारण पांचवीं गेर भी निकली। ढाई बजे तक गेर राजवाड़ा की यात्रा की शुरुआत हो गई, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री मोहन यादव के शामिल होने के कारण राधा-कृष्ण फाग यात्रा और संस्था सृजन की गेर देर से निकली। इसके बाद लोगों को गेर के आने का इंतजार करना पड़ा।
काफिले के चक्कर में, राजवाड़ा से कृष्णपुरा ब्रिज तक पुलिस ने सड़क को बंद कर दिया था। सड़क पर बेरिकेड लगाई गई थी और यहां सीएम का काफिला ठहरा था। इसके बाद भी बेरिकेड लगाकर रखी गई थी और इससे लोगों को राजवाड़ा तक पहुंचने में कठिनाई हुई। मुख्यमंत्री के गेर के जाने के बाद भी सड़क पर भीड़ बढ़ गई और पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेरिकेड हटाना पड़ा।
हुड़दंगियों ने रंगपंचमी के उत्सव में धमाल मचाया। गेर में चप्पल-जूते उछाले जा रहे थे। गेर देखने आई लड़कियों को शरारती तत्व रंग फेंक कर परेशान किया। संस्था सृजन की गेर के टैंकर पर खड़े युवकों में भीड़ थी और वहां भी चप्पलें उछाली जा रही थीं। पुलिस जवानों ने हुड़दंगियों को खदेड़ा और इसके बाद हिन्द रक्षक की फाग यात्रा के दौरान गुब्बारे फेंकने वाले युवकों को भी रोका। चप्पलें उछालने वालों के लिए पुलिस ने राजवाड़ा चौकी पर कड़ी कार्रवाई की। गेर समाप्त होने के बाद वहां से गिरफ्तार किए गए हुड़दंगियों को छोड़ दिया गया।
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