पिछली बार सिटीजन वाइस स्कोर में सूरत को इंदौर से छह अंक अधिक मिले थे। इस बार इंदौर में 311 एप से शिकायतों का समाधान ठीक से नहीं हो पा रहा है। रैंकिंग सर्वे के दौरान टीम शहर के लोगों से भी फीडबैक लेती है, जिससे इंदौर के अंक कम हो सकते हैं क्योंकि शहरवासी भी मान रहे हैं कि पहले के मुकाबले सफाई व्यवस्था कमजोर हुई है।
इंदौर की ताकत: छह प्रकार से कचरा संग्रहण
इंदौर की सफाई व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण है, जिसमें शहरवासियों की जनभागीदारी महत्वपूर्ण है। देश में इंदौर ही ऐसा शहर है जहां गीला, सूखा कचरा, सेनेटरी वेस्ट, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट और कांच वेस्ट अलग-अलग कलेक्ट होकर ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचता है। सूरत ने भी इस प्रणाली पर अधिक मेहनत की है। मेयर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि आठवीं बार भी इंदौर सफाई में नंबर वन रहेगा। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को मजबूत किया गया है और इसके लिए नए वाहन भी खरीदे गए हैं।
इंदौर की कुछ कमजोरियां
- सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई में कमी।
- शहरवासियों की जागरूकता में कमी।
- बैकलेन की सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई।
- नालों की सफाई में कमी, पहले सूखाकर मैदान बनाए गए नाले अब गंदे हैं।
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